शुक्रवार, जुलाई 02, 2010

व्यंग्य- जार्ज जया और जे डी [यू]


व्यंग्य
जार्ज, जया और जे डी [यू]
वीरेन्द्र जैन
पता नहीं अब लिखा रहता है या नहीं पर पहले बसों में लिखा रहता था कि अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें बस वालों की कोई ज़िम्मेवारी नहीं होगी। जो अपना सामान दूसरों के यहाँ छोड़ कर चले आते हैं उनके साथ यही होता है। जेडी[यू] की जया जैटली के साथ भी यही हो रहा है, उनका सामान जार्ज के घर में रखा है और लैला उस थैला को उठाने के लिए उन्हें घर में नहीं घुसने दे रहीं हैं।
जब तक लैला अपना सामान खुला छोड़े हुये थीं तब तक उनके सामान के साथ भी यही हो रहा था, पर भला हो चुनाव आयोग का कि उसने चुनाव लड़ने के लिये अपने सामान की सूची घोषित करना जरूरी कर दिया और जिससे लैला को पता चला कि जिसे वे मामूली सामान समझ रही थीं वह तो बहुत मूल्यवान है और उस पर कानूनी हक उनका है। जार्ज के मुड़े तुड़े बिना प्रेस के कपड़े और हवा में उड़ते बालों वाले समाजवादी के पास पन्द्रह करोड़ की दौलत का पता होता तो लैला क्यों अपना घर ऐसा खुला छोड़तीं कि कोई भी आकर अपना सामान वहाँ रख जाये। अब जब गलती समझ में आ गयी तो सुधार ली। भूल करना तो मानव का स्वभाव है और उसे ठीक करना समझदारी। सामान सम्पत्ति के मामले में असली चीज होती है कब्जा। मायावती समझदार थीं कि उन्होंने कब्जा बनाये रखा सो कानूनी हकदार भी अपना सामान नहीं ले जा सके। याद रखने वालों को याद होगा कि जब एमजी रामचन्द्रन की शव यात्रा के समय जय ललिता उनके शव वाहन पर बैठ कर जाने लगीं थीं तो राम चन्द्रन के भांजे ने उनके साथ कैसा दुर्व्यवहार किया था। उस समय उन्होंने जय ललिता को कब्जा नहीं लेने दिया था पर बाद में जयललिता ने पूरे तामिलनाडु पर कब्जा कर के दिखा दिया था। रामा राव के दामाद चन्द्रबाबू नायडू और उनकी सौतेली सास के साथ भी कुर्सी के लिए कुछ कुछ ऐसा ही हुआ था। इन्दिरा गान्धी और मनेका गान्धी को संजय गान्धी की सम्पत्ति के लिए अदालत के दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ी थी। जब भाजपा सांसद के एल शर्मा का देहांत हुआ था तब भी उनकी एक महिला मित्र ने उनके घर में रखी एक अलमारी पर अपना दावा किया था जबकि भाजपा नेतृत्व का कहना था कि अलमारी किसी की हो पर पैसा पार्टी का है, और वह महिला दिवंगत के साथ अपनी मित्रता रही होने का गलत फायदा उठा रही है। लैला के इस व्यवहार के बाद देश की सभी लैलाओं को सावधान हो जाना चाहिए और अपने अपने सामानों को अपने अपने घरों में सुरक्षित रखते हुये भर को खुला न छोड़ें। भला यह भी कोई बात हुयी कि किसी के घर में किसी की अलमारी रखी हुयी हो। अरे भाई दुनिया में स्विजरलेंड भी एक जगह है जहाँ के बैंकों में हिन्दुस्तानियों के खाते खुलने की सुविधाएं हैं सो लाकर भी होंगे जिसे भी रखना हो वह अपना सामान वहाँ रखे। हमारे देश के जिन समझदार लोगों ने वहाँ 1456 अरब डालर रखे हैं उनसे सीख क्यों नहीं लेते। कम से कम इस मामले में तो हम सारी दुनिया से आगे हैं क्योंकि दूसरे किसी देश के लोगों ने अपने सामान इस तरह से सुरक्षित नहीं रखे हैं।

वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

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