व्यंग्य
अडवाणीजी, पधारो म्हारे
मध्य प्रदेश
वीरेन्द्र जैन
भाजपा के पूर्व प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी
लोहपुरुष अडवाणीजी ने एक और रथ यात्रा निकालने का फैसला कर लिया है। यह रथ यात्रा
भ्रष्टाचार मिटाने के लिए होगी। उनकी पहली रथ यात्रा बाबरी मस्जिद मिटाने के लिए
थी और यह भ्रष्टाचार मिटाने के लिए है। कभी देश से भाईचारा मिटाना चाहते हैं, तो
कभी इतिहास की सच्चाई मिटाना चाहते हैं। ये अलग बात है बाबरी मस्जिद को छोड़ कर
बाकी सब कुछ किसी तरह सुरक्षित बचा हुआ है।
लोहपुरुष वाणी के धनी है, इसलिए उनकी बातों
के कई कई अर्थ निकल सकते हैं, रही मंतव्य की सो वो तो आप समझ ही नहीं सकते। कहीं
पै निगाहें कहीं पै निशाना वाला गाना तो आपने सुना ही होगा। जब नोट फार वोट में अमर
सिंह के साथ भाजपा के भगौरा और कुलस्ते ही नहीं अपितु अडवाणीजी के सुधीन्द्र
कुलकर्णी भी पुलिस पूछ्ताछ के घेरे में आ गये तो लोहपुरुष ने खुद ही दहाड़ लगा दी
कि मुझे भी गिरफ्तार करो क्योंकि मैंने ही उन्हें संसद में नोट लहराने की अनुमति
दी थी। जब सच को सामने आना ही है तो उसे खुद ही कह कर बहादुर बन जाने में क्या
बुराई है। पर हाय री दुनिया, जिसके बारे में चचा गालिब कह ही गये हैं कि-
सियह बख्ती में गालिब कौन किसका
साथ देता है
कि तारीकी में साया भी जुदा रहता
है इंसा से
सो जिनके लिए यह सब किया उस पार्टी के लोगों ने भी
किनारा कर लिया और उनकी प्रैस कांफ्रेंस में उनके ही चार लोग नजर आये। उन्हें कहना
पड़ा कि वे यह काम पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेकर करने जा रहे हैं। इससे पहले कि
जलूस निकले, रथयात्रा निकाल लो, और उसे भ्रष्टाचार विरोध का नाम दे दो ताकि जो
दुखी लोग अन्ना हजारे की अपील पर निकल आये थे उन दुखी लोगों का समर्थन तो मिल
जाये। जय श्री राम।
आओ आओ लोहपुरुषजी पधारो म्हारे देश। देश यानि
कि स्वर्णिम मध्य प्रदेश, यानि कि भारत का दिल नहीं तो पेट तो है ही। इस पेट में
भ्रष्टाचार गैस की तरह फूल रहा है और नेताओं के लिए फल भी रहा है। वो गैस नहीं जो
भोपाल में फैल गयी थी और उस कम्पनी से आपकी पार्टी चुनावी चन्दा लेती रही है, यह
तो भ्रष्ट अचार से पैदा होने वाली गैस है, सो इसे निकालो। यहाँ मंत्री से लेकर
संत्री तक और उद्योगपति से लेकर व्यापारी तक, अफसरों से लेकर अप्सराओं तक यह गैस
इतनी बन रही है कि जब भी इनकम टैक्स वाले किसी के पेट को खोलते हैं तो अम्बार
निकलता है। इस सड़ांध में आपका स्वागत है। आइए पहले अपने घर से ही श्री गणेश कीजिए।
‘बुरा जो देखन मैं चल्या’ की तर्ज पर ‘मुझ से बुरा न कोय’ के फैसले पर पहुँचने के लिए
काहे को सड़कें नापते हैं, वहाँ कोई नहीं मिलेगा, वे मनरेगा में काम पर गये होंगे
या अपने ड्राइंग़ रूम में क्रिकेट का मैच देख रहे होंगे। सड़कें अब वाहनों की
अनियंत्रित दौड़ कराने के काम आ रही हैं। यहाँ के सरकारी नेताओं ने अपनी विश्वसनीयता इतनी
खो दी है कि आप पुकारने की हदों तक पुकार आइए पर लोग कानों में इयर फोन लगाये एफएम
बेंड पर पुराने गाने सुनना ज्यादा ठीक समझते हैं। और तो और अन्ना हजारे और बाबा
रामदेव के लिए जुट जाने वाले भी आपकी सुनने नहीं आयेंगे।
वैसे अगर मेरी मानो तो यात्रा नहीं वकील करो,
पर रामजेठमलानी पर भरोसा मत करना। उन्हें अमर सिंह ने पहले ही तय कर लिया है और
आपकी पार्टी से सांसद होते हुए भी उन्होंने गेंद को आपके पाले में उछाल दी है।
नरेन्द्र मोदी ने पहले आपके सिन्धी बहुल चुनाव क्षेत्र से आशाराम बापू को नाराज कर
दिया और अब रामजेठमलानी को आपके खिलाफ खड़ा कर दिया। गडकरी ने भी कह दिया कि पार्टी
पहले से कोई प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी घोषित नहीं करेगी। लगता है कि मोदी को
प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी बनने के लिए आपकी सम्भावनाओं को कम करना जरूरी लग रहा
है।
वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा सिनेमा के पास भोपाल
[म.प्र.] 462023
मोबाइल 9425674629
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