लघुकथा
राजा की नंगई
वीरेन्द्र जैन
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राजा नंगा है। उपदेश कथा में यह कहने का साहस एक बच्चे को छोड़कर किसी को भी नहीं हुआ था। कथा में उसका बाप उसे बार बार चुप कराने की कोशिश कर रहा था। सब राजा के तथाकथित वस्त्रों की तारीफ करके स्वयं की रक्षा कर रहे थे। अब समय दूसरा है। सारे के सारे लोग कह रहे हैं कि राजा नंगा है और चाहें तो राजा के नंगे होने की जाँच करा के देख लें। पर महाराजा और उसके बच्चे सारा सच जान समझ कर भी कह रहे हैं कि नहीं राजा नंगा नहीं है।
महाराजा ने अगर राजा को नंगा कह दिया तो उसके खुद नंगे हो जाने की सम्भावना है।
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वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629
... bahut sundar !!!
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