गुरुवार, जुलाई 02, 2009

व्यंग्य जिम्मेवारी

व्यंग्य
जिम्मेवारी
वीरेन्द्र जैन
उत्तराखण्ड के अभूतपूर्व मुख्यमंत्री जो अब भूतपूर्व हो गये थे अपनी लकुटि कमरिया सौपने के बाद अपने पुराने फौजी जिगरी दोस्तों के साथ सहज हो कर बैठे सोडा के आने का इंतजार कर रहे थे, तभी उनके अर्दली ने कहा सर, आपसे कोई मिलने आया है। मुख्यमंत्रित्व काल में तो उनके पीने को लेकर अखबार वालों ने उनका और भारतीय संस्कृति का नाक में दम कर रखा था पर अब भी चैन से दोस्तों के बीच नहीं बैठने दे रहे- उन्होंने सोचा फिर पूछा ''कौन है?''
''पता नहीं शाब, मैंने पूछा तो वे बोलीं कि कह देना कि एक विदेशी महिला मिलना चाहती है'' अर्दली बोला ''पर सर एक बात है!''
''क्या'' पूर्व मुख्यमंत्रीजी ने पूछा
'' वह विदेशी महिला साड़ी पहिने है शाब'' अर्दली बोला
पूर्व मुख्यमंत्रीजी ने तुरंत ही गिलास आदि हटाने को कहा और सोचा कि मारे गये! मुख्यमंत्री का पद तो चला ही गया है अब क्या पार्टी से भी निकाले जायेंगे। फिर बोले उन्हें सम्मान के साथ बैठाओ मैं आता हूँ। ड्राइंगरूम में जाकर उन्होंने देखा कि उनकी आशंका सच थी। काँग्रेस पार्टी की अध्यक्ष उनके दौलतखाने पर स्वयं उपस्थित थीं। उनके आते ही वे बोलीं- मैं आपको काँग्रेस को जिताने के लिए धन्यवाद देने आई हूँ।
'' पर काँग्रेस के जीतने में मेरा क्या योगदान वह तो आप और आपके पुत्र पुत्री आदि की मेहनत और उनके प्रति काँग्रेसियों की भक्ति का परिणाम है'' वे उनके पधारने से अभिभूत होकर अत्यंत विनम्रता से बोले।
'' हाँ अभी तक मैं भी यही समझती थी, पर आपकी पार्टी के फैसले ने मेरी सोच बदल दी''
'' मैं समझा नहीं, मैं कोई राष्ट्रीय नेता तो हूँ नहीं, मैं तो एक छोटे से राज्य का मुख्यमंत्री था?'' पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्नवाचक चेहरा बना कर कहा।
''आपका तर्क ठीक है पर आप अपनी पार्टी के अनुशासित सदस्य हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता जो सोचते हैं उसे तो आपको मानना ही होगा''
'' वह तो मैं मानता हूँ इसीलिए तो मैंने त्यागपत्र देने का आदेश मानने में कोई देर नहीं की''
'' यही तो मेरे विचार का आधार है। आपकी पार्टी हिमालय से कन्या कुमारी और अटक से कटक तक आसेतु हिमालय हारी है, पर ना तो आपके प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी ने अपना कोई पद छोड़ा, ना आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपना पद छोड़ा जबकि जिम्मेवारी उन्होंने खुद ही स्वीकारी। न चुनाव अभियान समिति के लोगों ने पद छोड़ा और ना ही सदन के छोटे बड़े नेताओं ने ही छोड़ा। इसका मतलब साफ है कि इनमें से कोई भी जिम्मेवार नहीं है। जिम्मेवार केवल आपको समझा गया है इसलिए मैं अपनी पार्टी की ओर से आपको धन्यवाद देने आयी हूँ।''
पूर्व मुख्यमंत्रीजी अवाक थे बोले ''आपके पधारने का धन्यवाद! पर कृप्या अपने आने की सूचना प्रैस को मत दीजियेगा।
वीरेन्द्र जैन
21 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

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