शनिवार, जुलाई 04, 2009

सविता भाभी पर बेन की टें बोलना

सविता भाभी का बैन होना
मेैं दुखी मन से सविता भाभी के पास गया सोचा उनके बैन होने पर अपना दुख व्यक्त कर आऊॅं। पुराने पुराने शायर तो और भी उस्ताद थे,............ नहीं नहीं मुझे गलत मत समझना मैं फिराक साब की बात नहीं कर रहा हूँ,.......(आजकल जो कुछ भी टीवी पर चलता है सब वैसा ही सोचने लगते हैं,) मैं तो अपने जैसे उन शायरों की बात कर रहा हूँ जिन्होंने लिखा है कि-
खुदा करे हसीनों के बाप मर जायें
बहाना हो गम का हम उनके घर जायें
सो इस बहाने मैं भी पहुंच लिया। वे हमेशा की तरह चुस्त और चौकन्नी थीं। आते ही पूछा 'कहिये अंकल आप कैसे, क्या किसी बच्चे को ढूंढने आये हैं? आजकल जिनके बच्चे घर नहीं आते सब यही समझते हैं कि सविता भाभी के घर में होंगे। जाइये जाइये यहाँ कोई बच्चा नहीं हैं। जो थे वे सब अपनी गैंद ले के जा चुके हैं।'
मुझे केशवदास याद आ गये- केशव केशन अस करी सो कछु ही न कहाय, चन्द्र बदन मन मोहिनी बाबा कहि कहि जाय।
'नहीं नहीं बेटा ( हमेशा ही चरित्र पर शंका उठते ही यह शब्द बहुत काम आता है) मैं तो तुम्हारे बैन होने पर दुख प्रकट करने आया था।'
'क्या अंकल, भाभी क्या कभी बहिन हो सकती है? आज के जमाने में एक बार बहिन भले ही भाभी हो जाये पर भाभी तो पहले ही हर गरीब की जोरू को बनाने में हमारे बुजुर्गवार लगे रहे हैं।'
'नहीं नहीं मैं तो तुम्हारी साइट के बैन होने की बात कर रहा था'
'आप शायद घर की मुर्गी, मेरा मतलब बीबी के डर से इन्टरनैट ठीक से देखते नहीं इधर मेरे ऊपर बैन लगा उधर लोगों ने बैन खोलने की तरकीबें इन्टरनैट पर पेल दीं, उसे आजमाने के लिए उन लोगों ने भी मेरी साइट खोल खोल कर देखने की कोशिश की जिन्होंने कभी नहीं खोली थी।'
'ऐसा!' मैंने आश्चर्य से कहा
'हाँ चाचू एक कहानी सुनो- एक सब्जी बेचने वाली थी जो सब्जी भले ही बासी रखती हो पर अपने आप को हमेशा तरो ताजा रखती थी। परिणाम यह हुआ कि उसका पति मर गया- तुमने अंग्रेजी की वह कहावत तो सुनी ही होगी कि जिसकी लिपिस्टिक का रंग जितना अधिक लाल होता है उसके पति का रंग उतना ही अधिक पीला होता है- सो उसने दस बारह दिन बाद दूसरी शादी कर ली। संयोग ऐसा हुआ कि कुछ ही महीनों बाद उसका दूसरा पति भी खुदा को प्यारा हो गया यानि मर गया, ये इसलिए कह रही हूँ नहीं तो तुम हाई कोर्ट के ताजा फैसले के आलोक में खुदा के बारे में कुछ और सोचने लगो। उसने सिकन्दर की तरह फिर भी हार नहीं मानी और तीसरी शादी रचा ली। बाई द वे तीसरा भी टें बोल गया तो वो रोते हुये ऊपर को हाथ उठा कर बोली- जा जा, बन्दी तो रांढ होती नहीं पर अल्ला तेरी बेईमानी देख ली'
मै अपना दुख वापिस लौटा कर चला आया।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया बात कही जैन साहब आपने।

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  2. जिसकी लिपिस्टिक का रंग जितना अधिक लाल होता है उसके पति का रंग उतना ही अधिक पीला होता है!
    वाह :-)

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  3. Very vert good alla thari baimani kay leya
    pradeep kushwaha
    mobile no 9425007558

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