बुधवार, जून 23, 2010

रिश्ते हैं रिश्तों का क्या


व्यंग्य
रिश्ते हैं रिश्तों का क्या
वीरेन्द्र जैन्
उद्योग जगत गदगदायमान है। भरत मिलाप का दृष्य देखकर सबकी आँखें खुशी से डबडबाई हुयी हैं। मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी गले मिल रहे हैं। अनिल मुकेश से कह रहे हैं भैय्या ये ग्रहों की शरारत थी या अमर सिंह की थी पता नहीं जिसने हमें कुछ दिनों के लिए अलग कर दिया था पर पानी को चाहे जितना लाठी से पीटा जाये कहीं पानी अलग होता है। मुकेश मन ही मन कह रहे हैं पर हम तुम तो बरफ हो गये थे सो तोड़ दिये गये।
मुनव्वर राना का शेर है-
अमीरे शहर को रिश्ते में कोई कुछ नहीं लगता
गरीबी चाँद को भी अपना मामा मान लेती है
भाई तो भाई का दुश्मन बना बैठा ही था। एक भाई के हेलीकोप्टर के पैट्रोल टेंक में पत्थर पाये जाने लगे थे और दूसरे दिन वही पायलट जो हेलिकोप्टर उड़ाता था रेल लाइन पार करते हुये कट कर मर जाता है। ‘सामान्य’ दुर्घटना। भाई भाई तो एक हो जाते हैं और पायलट की आत्मा का रिश्ता परमात्मा से हो गया अब वह बिना हेलिकोप्टर के वायु भ्रमण कर रहा होगा। क्या संयोग है।

माँ की अपील भी काम नहीं आ पायी थी। दोनों के पास पैसा था गाड़ी थी, बंगले थे फैक्ट्री थी, पर माँ किसी के पास नहीं थी। मुरारी बापू को अपनी राम कथा पर बहुत भरोसा था सोचते थे कि उनके एक ही एपिसोड में भाई भाई फिर से मिल जायेंगे पर उनको भी वित्त जगत में प्रवचनों की औकात समझ में आ गयी थी। वे राम ल्क्षमण भरत शत्रुघ्न वाले भाई भाई के प्रेम कथा वाँचते होंगे पर अम्बानी बन्धुओं को रामायण के वे प्रसंग भाते होंगे जिनमें विभीषण् ने रावण को मरवा दिया था और सुग्रीव ने बालि को। महाभारत तो इसी भातृ प्रेम के लिए जाना जाता है। पैसे वाले पैसे के अलावा किसी रिश्ते को नहीं मानते। मानते होते तो अटल बिहारी द्वारा लक्षमण घोषित प्रमोद महाजन की मौत इतनी बुरी तो न होती और न उन्हें मारने वाले उनके भाई की भी। अगर रिश्ते की डोर पैसे से ज्यादा मजबूत होती तो मनेका गान्धी को इन्दिरा गान्धी के खिलाफ क्यों मुकदमा लड़ना पड़ता और राहुल गांधी और वरुण गांधी एक ही घाट पानी पीते। विजया राजे और माधव राव अलग अलग दिशाओं के यात्री नहीं होते तथा ज्योतिरादित्य को अपनी बुआ महाराज के खिलाफ चुनाव प्रचार न करना पड़ता। करुणानिधि और डीएमके की विरासत के लिए उनके बेटे आपस में गोलियां नहीं चलवाते।
बाप बड़ा न भैय्या, सबसे बड़ा रुपैय्या

उधर राजस्थान में एक सांसद अपनी मंत्री पत्नी से स्तीफा माँग रहे हैं। निर्दलीय सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी राजस्थान में राज्य मंत्री हैं उनके चुनाव क्षेत्र में 33 आदिवासियों की भूख से मौत हो जाती है, सो सांसद को अखरता है। वे कहते हैं कि अगर उन्होंने स्तीफा नहीं दिया तो मैं अपने सांसद का पद छोड़ दूंगा। अब घर में तय होना है कि आदिवासियों की मौत की ज़िम्मेवारी कौन लेता है।
रिश्ते हैं रिश्तों का क्या!
प्रिया दत्त ने संजय दत्त से बहिन भाई का रिश्ता भुला दिया है। तो अमर सिंह ने जया बच्चन से देवर भावी का रिश्ता भुला दिया है। अमिताभ को नरेन्द्र मोदी से रिश्ता जोड़ने में शर्म नहीं आयी तो सुशील मोदी से राजनैतिक रिश्तेदारी रखने वाले नीतीश कुमार को नरेन्द्र मोदी से रिश्ता जोड़ने में शर्म आयी और वे भाजपा से तलाक लेने तक उतर आये हैं।
केन्द्र सरकार ने तलाक को सरल करने का कानून बनाने का फैसला शायद बहुत दूरदृष्टि से लिया है

वीरेन्द्र जैन
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