बुधवार, जुलाई 08, 2009

टी आर पी के लिए स्वयम्बर से सुहाग रात तक

टी आर पी के लिए स्वयंवर तक तो ठीक पर ............
मुझे माफ़ करें पर में अपने आप को कहने से रोक नहीं पा रहा हूँ क्योंकि मुझे बहुत डर लग रहा है और इस डरने का कारण भी है. जब टी आर पी के लिए लाइव स्वयंबर रचाया और दिखाया जा सकता है तो उसी टी आर पी के लिए वे सुहाग रात तक भी जा सकते हैं. पर खुदा इत्यादि के लिए ऐसा न करें. वैसे भी इन्द्र देवता पानी के लिए इसलिए तरसा रहे हैं ताकि महिलायों को दिगंबर अवस्था में हल चलाते देख सकें और एकाध और अहिल्या काण्ड कर सकें. प्रभो इस देश के लोगों को क्षमा करो वे वैसे ही समलेंगिकों के कानून बन जाने की आशंकाओं से परेशान हो रहे हैं

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